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Shiv Chaisa Secrets

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दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ काम की बात https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
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